प्रवेशसंख्या का निर्धारण
1. प्रयुक्ति -
1.1 ये मार्गदर्शक सिद्धान्त छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय/अशासकीय महाविद्यालयोंमें छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के तहत् अध्यादेशक्रमांक 6 एवं 7 के प्रावधान के साथ सहपाठित करते हुए लागू होंगे तथा समस्त प्राचार्य इनका पालन सुनिश्चित करेंगे।
1.2 प्रवेश के नियमों को शासकीय तथा अशासकीय महाविद्यालयों को कड़ाई से पालनकरना होगा। ‘‘प्रवेश’’ से आशय स्नातक कक्षा के प्रथम वर्ष तथास्नातकोत्तर कक्षा के पूर्व अथवा प्रथम सेमेस्टर से है।
2. प्रवेश की तिथि
2.1 प्रवेश हेतु आवेदन पत्र जमा करना -
महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए अस्थायी प्रवेश महाविद्यालय केप्राचार्य द्वारा निर्धारित आवेदन पत्र, समस्त प्रमाण पत्रों सहित निर्धारित दिनांक तक जमा कियेजायेंगे। विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश के लिए आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि महाविद्यालयों के प्राचार्य द्वारा सूचना पटल पर कम से कम सातदिन पूर्व लगाई जायेगी। प्रवेश हेतु बोर्ड/वि.वि. द्वारा अंकसूची प्रदान न किये जाने की स्थिति में पूर्वसंस्था के संबंधित प्राचार्य द्वारा प्रमाणित किये जाने पर बिना अंकसूची केआवेदन पत्र जमा किये जावें।
2.2 प्रवेश हेतु अंतिम तिथि निर्धारित करना -
स्थानांतरण प्रकरण छोड़कर 30 जुलाई तक प्राचार्य स्वयं तथा 14 अगस्त तक कुलपतिकी अनुमति से प्रति वर्ष प्राचार्य प्रवेशदेने में सक्षम होंगे। परीक्षा परिणाम विलंब से घोषित होने की स्थिति में प्रवेशकी अंतिम तिथि महाविद्यालय में परीक्षा परिणाम प्राप्तहोने की तिथि से 10 दिन तक अथवा विश्वविद्यालय/बोर्ड द्वारा परीक्षा परिणाम घोषित होने की तिथि से 15 दिन तक, जो भी पहले होमान्य होगी। कंडिका 5.1 (क) में उल्लेखित कर्मचारियों के स्थानांतरित होने पर प्रवेश की अंतिम तिथि के बाद प्रवेश चाहने वाले उनकेपुत्र/पुत्रियों को स्थान रिक्त होने पर ही सत्र के दौरानप्रवेश दिया जाये, किंतु इसके लिए कर्मचारी द्वारा कार्यभार ग्रहण करने का प्रमाण-पत्रप्रस्तुत करना एवं आवेदक काप्रवेश हेतु निर्धारित अंतिम तिथि के पूर्व अन्य महाविद्यालय में प्रवेश होने कीस्थिति में ही प्रवेश दिया जायेगा।
स्पष्टीकरण -
आवेदक ‘‘क’’ ने किसी अन्यत्र स्था (अ) के महाविद्यालय में नियमानुसार किसी कक्षा मेंप्रवेश लिया था। उसके बाद उसके पालक कास्थानांतरण स्थान ‘‘ब’’ में हो गया, इस स्थान (ब) के किसी महाविद्यालय में अब वह प्रवेश लेना चाहता है, रिक्त स्थान होने पर ही उसको प्रवेश दिया जायेगा। आवेदक ‘‘ख’’ ने स्थान (अ) केजहां उसके पालक कार्यरत थे, किसी भीमहाविद्यालय में प्रवेश नहीं लिया किन्तु पालक के स्थान (ब) में स्थानांतरण होतेही स्थान (ब) के किसी महाविद्यालय में प्रवेश लेना चाहताहै, अतः अब प्रवेश के लिए निर्धारित अंतिम तिथि निकल जाने के बाद आवेदक (ख) को प्रवेश नहीं दिया जा सकता।
2.3 पुनर्मूल्यांकन में उत्तीर्ण छात्रों के लिए प्रवेश की अंतिम तिथिनिर्धारित करना -
विधि संकाय के अतिरिक्त अन्य संकायों के पुनर्मूल्यांकन में उत्तीर्णछात्रों को पुनर्मूल्यांकन के परिणाम घोषित होने के 15 दिन तक संबंधितविश्वविद्यालय के कुलपति की अनुमति के पश्चात् गुणानुक्रम में आने पर प्रवेश की 7 पात्रता होगी। किन्तु विधि संकाय की कक्षाओं में गुणानुक्रम के आधार परप्रवेश की पात्रता होने पर भी महाविद्यालय में स्थान रिक्त होनेपर ही प्रवेश दिया जायेगा।
3. प्रवेश संख्या का निर्धारण -
3.1 महाविद्यालों में उपलब्ध साधनों तथा कक्षा में बैठने की व्यवस्था,प्रयोगशालामें उपलब्ध/उपयोग योग्य सामग्री एवं स्टाफ कीउपलब्धता आदि के आधार पूर्व में दी गई छात्र संख्या सीट के अनुसार ही विभिन्नकक्षाओं के लिए छात्रों को प्रवेश दिया जावेगा। यदिप्राचार्य महाविद्यालय में प्रवेश हेतु छात्र संख्या में सीट की वृद्धि चाहते हैं तो वे 30 अप्रेल तक अपना प्रस्ताव उच्च शिक्षा संचालनलय को प्रेषित करें तथा उच्चशिक्षा संचालनालय/उच्च शिक्षा विभाग से अनुमतिप्राप्त होने पर ही बढ़े हुए स्थान के अनुसार प्रवेश की कार्यवाही करें।
3.2 विधि स्नातक प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की कक्षाओं मेंबार कौंसिल द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार अधिकतम 80 विद्यार्थियों कोही प्रति सेक्शन (अधिकतम 4 सेक्शन) में प्रवेश गुणानुक्रम के आधारपर दिया जावे। संबद्धवि.वि./स्वशासी महाविद्यालय द्वारा प्रत्येक कक्षा के लिए अध्यापन के विषय/विषयसमूह का निर्धारण किया गयाहै। प्राचार्य अपने महाविद्यालयों में उनहीं निर्धारित विषय/विषय समूह मेंनिर्धारित प्रवेश संख्या के अनुसार ही प्रत्येक कक्षा मेंआवेदकों को प्रवेश देंगे।
4. प्रवेश सूची -
4.1 प्राचार्य द्वारा प्रवेश शुल्क जमा करने की निर्धारित अंतिम तिथि कीसूचना देते हुए, प्रवेश हेतु चयनित विद्यार्थियों की अर्हकारीपरीक्षा में प्राप्तांकों एवं जहां अधिभार देय है, वहां अधिभार देकरकुल प्राप्तांकों की गुणानुक्रम सूची, प्रतिशत अंक सहित,सूचनापटल पर लगाई जायेगी।
4.2 प्रवेश समिति द्वारा आवश्यक संलग्न प्रमाण पत्रों की प्रतियों की मूलप्रति जमा करने के पश्चात् ही प्रवेश शुल्क जमा करने की अनुमतिदी जायेगी। प्रवेश देने के तत्काल बाद स्थानांतरण प्रमाण-पत्र ‘‘प्रवेश दिया गया’’रद्द की मोहर लगाकर उसे रद्द करना चाहिये।
4.3 निर्धारित शुल्क जमा करने पर ही महाविद्यालय में प्रवेश मान्य होगा।प्रवेश के पश्चात् स्थानांतरण प्रमाण-पत्र की मूल प्रति कोनिरस्त की सील लगाकर अनिवार्य रूप से निरस्त कर दिया जावे।
4.4 घोषित प्रवेश सूची की शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि के बाद स्थान रिक्तहोने पर सभी कक्षाओं मेंनियमानुसार प्रवेश हेतु विलंब शुल्क रूपये 100/- अशासकीय मद मेंअतिरिक्त रूप से वसूला जायेगा, तथापिऐसे प्रकरणों में 30 जुलाई के पश्चात्प्रवेश की अनुमति नहीं दी जायेगी।
4.5 स्थानांतरण प्रमाण पत्र की द्वितीय प्रति (डुप्लीकेट) के आधार पर प्रवेशनहीं दिया जाये। स्थानांतरण प्रमाण पत्र खो जाने की स्थितिमे , निकटस्थ पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज किया जाए। पुलिस थाने की रिपोर्टएवं पूर्व प्रवेश प्राप्त संस्था से अधिकृतरिपोर्ट जिसमें मूल स्थानांतरण प्रमाण पत्र का अनुक्रमांक एवं दिनांक का उल्लेख हो, प्राप्त होने की स्थिति में ही प्रवेश दिया जा सकता है। इस हेतुविद्यार्थी से वचन पत्र लिया जाये।
5. प्रवेश की पात्रता
5.1 निवासी एवं अर्हकारी परीक्षा -
क. छत्तीसगढ़ के मूल/स्थायी, छत्तीसगढ़ में स्थायी संपत्तिधारीनिवासी/राज्य या केन्द्र सरकार के शासकीय कर्मचारी,अर्धशासकीयकर्मचारी तथा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के कर्मचारी, राष्ट्रीयकृतबैंकों तथा भारत सरकार द्वारा संचालित व्यावसायिकसंगठनों के कर्मचारी जिनका पदांकन छत्तीसगढ़ में है, उनके पुत्र/पुत्रियों एवं जम्मू काश्मीर के विस्थापितों तथा उनके आश्रितों कोही शासकीय महाविद्यालयों मे ंप्रवेश दिया जायेगा। उपरोक्तानुसार प्रवेश देने के पश्चात् भी स्थान रिक्त होनेपर अन्य राज्यों के मान्यता प्राप्त
बोर्ड अर्हकारी परीक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थियों को नियामानुसारगुणानुक्रम के आधार पर प्रवेश दिया जा सकता
है।
ख. संबद्ध विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालयों औरविश्वविद्यालयों से अर्हकारी परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों
को ही महाविद्यालय में प्रवेश की पात्रता होगी।
5.2 स्नातक स्तर, नियमित प्रवेश -
क. 10+2 परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को स्नातक स्तर प्रथम वर्ष में नियमित प्रवेशकी पात्रता होगी किंतु वाणिज्य और कलासंकाय के विद्यार्थियों को विज्ञान संकाय में प्रवेश नहीं दिया जायेगा।बी.एच.एस-सीप्रथम वर्ष में सी भी संकाय से उत्तीर्ण छात्र को प्रवेश की पात्रताहोगी।
ख. स्नातक स्तर पर प्रथम/द्वितीय परीक्षा उत्तीर्ण को उन्हीं विषयों कीक्रमशः द्वितीय/तृतीय वर्ष में नियमित प्रवेश की पात्रताहोगी। स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष में विषय परिवर्तन की पात्रता नहीं होगी।
5.3 स्नातकोत्तर स्तर नियमित प्रवेश -
क. बी.काॅम./बी.एच.एस-सी./बी.ए. स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों कोक्रमशः एम.काॅम./एम.एच.एस-सी. /एम.ए. पूर्व/प्रथमसेमेस्टर एवं आवेदित विषय लेकर बी.एस-सी. उत्तीर्ण आवेदकों कोएम.एस-सी./एम.ए.पूर्व में नियमित प्रवेश की पात्रता होगी।
ख. स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष/प्रथम सेमेस्टर उत्तीर्ण आवेदकों को उसी विषयके स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष में नियमित प्रवेश कीपात्रता होगी। सेमेस्टर पद्धति की पूर्व अर्हकारी परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों कोअगले सेमेस्टर में नियमित प्रवेश की पात्रताहोगी।
5.4 विधि संकाय नियमित प्रवेश -
क. स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को विधि स्नातक प्रथम वर्ष मेंनियमित प्रवेश की पात्रता होगी।
ख. विधि स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को एल.एल.एम. प्रथम वर्ष मेंनियमित प्रवेश की पात्रता होगी।
ग. एल.एल.बी. प्रथम/द्वितीय एवं एल.एल.एम. पूर्वाद्ध परीक्षा उत्तीर्णआवेदकों को क्रमशः एल.एल. बी. द्वितीय, तृतीय एवं एल.प्रथम वर्ष में नियमितप्रवेश की पात्रता होगी।
5.5 प्रवेश हेतु अर्हकारी परीक्षा में न्यूनतम अंक सीमा -
क. विधि स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु न्यूनतम अंक सीमा, प्रवेश यदि प्रवेशपरीक्षा के माध्यम से दिया जाता है तो 40% तथा जहां प्रवेशपरीक्षा के माध्यम से नहीं दिया जाता वहां 45ः होगी। एल.एल.एम.पूर्वाद्ध में 55% अंक प्राप्त आवेदकों को ही नियमित प्रवेशकी पात्रता होगी।
6. समकक्ष परीक्षा -
6.1 सेन्ट्रल बोर्ड आॅफ सेकेण्डरी एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.), इंडियन कौंसिल फारसेकेण्डरी एजुकेशन (आई.सी.एस.ई.) तथा अन्य राज्योंके विद्यालयों/इंटरमीडिएट बोर्ड की 10$2 की परीक्षाएँ माध्यमिक शिक्षा मण्डल की 10$2
परीक्षा के समकक्ष मान्य है। प्राचार्य मान्य बोर्डों की सूची सम्बद्धविश्वविद्यालयों से प्राप्त कर सकते हैं।
6.2 सामान्यतः भारत में स्थित विश्वविद्यालयों जो भारतीय विश्वविद्यालय संघ(एसोसिएशन आॅफ यूनिवर्सिटी) के सदस्य हैं, उनकी समस्तपरीक्षाएं छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालय की परीक्षा के समकक्ष मान्य है। उस्मानियाएवं काकतीय विश्वविद्यालय जैसे बी.ए./बी.काम.डायरेक्ट वन सिटिंग परीक्षाएं मान्य नहीं है।
6.3 सम्बद्ध विश्वविद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय का शिक्षणसंस्थाओं की सूची एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारासमय-समय पर जारी फर्जी अथवा मान्यता विहीन विश्वविद्यालय या शिक्षण संस्थाओं,जिनकी परीक्षा उपाधि मान्य नहीं है, की जानकारी प्राचार्य संबद्धविश्वविद्यालय से प्राप्त करें।
7. बाह्य आवेदकों का प्रवेश -
7.1 स्नातक स्तर तक बी.ए./बी.काम./बी.एस-सी./बी.एच.एस-सी. में एकीकृतपाठ्यक्रम लागू होने से छत्तीसगढ़ के किसी भीविश्वविद्यालय/स्वशासी महाविद्यालय से प्रथम/द्वितीय वर्ष की परीक्षा उत्तीर्णआवेदकों को क्रमशः द्वितीय/तृतीय वर्ष में प्रवेश की पात्रताहै किंतु संबद्ध विश्वविद्यालय/स्वशासी महाविद्यालय में पढाये जा रहे विषयों/विषय समूहों में आवेदकों ने पिछली परीक्षा दी हो इसका परीक्षणकरने के पश्चात् ही नियमित प्रवेश दिया जावे। आवश्यकहो तो विश्वविद्यालय से पात्रता प्रमाण-पत्र अवश्य लिया जाये।
7.2 छत्तीसगढ़ के बाहर स्थित विश्वविद्यालय/स्वशासी महाविद्यालयों से स्नातकस्तर की प्रथम/द्वितीय परीक्षा अन्यविश्वविद्यालय/स्वशासी महाविद्यालयों से स्नातकोत्तर पूर्व की परीक्षा या प्रथम,द्वितीय,तृतीयसेमेस्टर परीक्षा एवं विधि स्नातक स्तर कीप्रथम/द्वितीय परीक्षा उत्तीर्ण आवेदकों को उनके द्वारा संबद्ध विश्वविद्यालयों से पात्रता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने के पश्चात् ही उन्हीं विषयों/विषयसमूह की अगली कक्षा में नियमित प्रवेश दिया जावे।
7.3 विज्ञान एवं अन्य प्रायोगिक विषयों में स्वाध्यायी आवेदकों को स्थानरिक्त होने पर तथा महाविद्यालय के भूतपूर्व छात्रों को 30 नवंबर तकनिर्धारित शुल्क लेकर मात्र प्रायोगिक कार्य करने की अनुमति प्राचार्य द्वारा दीजा सकती है।
8. अस्थायी प्रवेश की पात्रता रखने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश हेतुनिर्धारित अंतिम तिथि के पूर्व अस्थायी प्रवेश लेना अनिवार्यहोगा।
8.1 स्नातक स्तर की प्रथम/द्वितीय परीक्षा में एक विषय में पूरक परीक्षा(कम्पार्टमेंट) प्राप्त आवेदकों को अगली कक्षा में अस्थायीप्रवेश की पात्रता होगी।
8.2 स्नातकोत्तर सेमेस्टर प्रथम/द्वितीय में पूरक/एटी-केटी प्राप्त आवेदकोंको अगली कक्षा में अस्थायी प्रवेश की पात्रता होगी।
8.3 विधि स्नातक प्रथम/द्वितीय में निर्धारित एग्रीगेट 48ः पूरा न करने वालेया पूरक प्राप्त आवेदकों को अगली कक्षा में अस्थायीप्रवेश की पात्रता होगी।
8.4 उपरोक्त कंडिका 7 के खण्ड 1 एवं 2 के आवेदकों कोअस्थायी प्रवेश की पात्रता नहीं होगी।
8.5 पूरक परीक्षा में अनुत्तीर्ण अस्थायी प्रवेश छात्र/छात्राओं का अस्थायीप्रवेश स्वतः निरस्त हो जायेगा। उत्तीर्ण होने पर अस्थायीप्रवेश नियमित प्रवेश के रूप में मान्य किया जावेगा।
9. प्रवेश हेतु अर्हताएँ -
9.1 किसी भी महाविद्यालय/विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग के किसी संकाय की कक्षामें होने वाले छात्र/छात्राओं को उसी संकाय कीउसी कक्षा में पुनः नियमित प्रवेश की पात्रता नहीं होगी। यदि किसी छात्र ने पूर्वआवेदित कक्षा में नियमित प्रवेश नहीं लिया हो तोऐसा आवेदक नियमित प्रवेश हेतु अनर्ह नहीं माना जावेगा, उसे मात्र मूल स्थानांतरण प्रमाण-पत्र तथा शपथ-पत्र जिससे प्रमाणित हो कि पूर्व मेंउसने प्रवेश नहीं लिया है, के आधार पर हीनियमानुसार प्रवेश दिया जावेगा।
9.2 जिनके विरूद्ध न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया हो या न्यायालय मेंआपराधिक प्रकरण चल रहे हों, परीक्षा में या पूर्व सत्र मेंछात्रों/अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ दुव्र्यवहार/मारपीट करने के गंभीर आरोप हों/चेतावनी के बाद भी सुधार परिलक्षित नहीं हुआ हो, ऐसे छात्र/छात्राओंको प्रवेश नहीं देने के लिये प्राचार्य अधिकृत है।
9.3 महाविद्यालय में तोड़-फोड़ करने और महाविद्यालय की सम्पत्ति को नष्ट करनेवाले/रैगिंग के आरोपी छात्र/छात्राओं कोप्राचार्य प्रवेश न देने के लिये अधिकृत है। प्राचार्य इस हेतु कमेटी गठित कर जांचकरवाये एवं जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रवेशनिरस्त किया जाये। ऐसे छात्र/छात्राओं को छत्तीसगढ़ राज्य के किसी भी शासकीय/अशासकीय महाविद्यालय में प्रवेश न दिया जावे।
9.4 क. स्नातक स्तर प्रथम वर्ष में 22 वर्ष एवंस्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में 27 वर्ष से अधिक आयु के आवेदकों को प्रवेश की पात्रता नहीं होगी। आयु की गणना एक जुलाई की स्थिति में कीजायेगी। परंतु आयु सीमा के बंधन में छात्राओंको 3 वर्ष की छूट रहेगी।
ख. आयु सीमा का वह बंधन किसी भी राज्य सरकार/भारत सरकार केमंत्रालय/कार्यालय तथा उनके द्वारा नियंत्रित संस्थाओंद्वारा प्रायोजित व अनुशंसित प्रत्याशियों, भारत सरकार द्वाराप्रायोजित अथवा किसी विदेश सरकार द्वाराअनुशंसित विदेश से अध्ययन हेतु भेजे गये छात्रों अथवा विदेश से अध्ययन के लियेविदेशी मुद्रा में पेमेन्ट सीट पर अध्ययन करनेवाले छात्रों पर लागू नहीं होगा।
ग. विधि संकाय के तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए अधिकतमआयु 30 वर्ष होगी। अनुसूचित जाति/अनुसूचितजनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के आवेदकों के लिए 5 वर्ष की छूट होगी।
घ. संस्कृत महाविद्यालयों में प्रवेश हेतु स्नातक स्तर पर 25 वर्ष एवं स्नातकोत्तरस्तर पर 27 वर्ष से अधिक आयु वाले आवेदकोंको प्रवेश की पात्रता नहीं होगी।
ड. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़े वर्ग/विकलांगविद्यार्थियों/महिला आवेदकों के लिये आयु सीमा में तीन वर्षकी छूट रहेगी।
9.5 पूर्णकालिक शासकीय/अशासकीय सेवारत् कर्मचारी की उसकी दैनिक कार्य कीअवधि में लगने वाले महाविद्यालय मंे नियमित प्रवेश की पात्रतानहीं होगी। दैनिक कर्तव्य अवधि के उपरांत लगने वाले महाविद्यालय में प्रवेश हेतु आवेदन करने पर आवेदक द्वारा नियोक्ता का अनापत्तिप्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने के बाद ही प्रवेश दिया जावेगा।
9.6 किसी संकाय में स्नातक उपाधि प्राप्त छात्र/छात्राओं को, विधि संकाय कोछोड़कर अन्य संकायों के स्नातक पाठ्यक्रम मेंनियमित प्रवेश की पात्रता नहीं होगी।
10. प्रवेश हेतु गुणानुक्रम का निर्धारण -
10.1 उपलब्ध स्थानों से अधिक आवेदक होने पर प्रवेश निम्नानुसार गुणानुक्रम सेकिया जायेगा।
क. स्नातक एवं स्नाकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश हेतु अर्हकारी परीक्षा केप्राप्तांक एवं अधिभार देय है, तो अधिभार जोड़कर प्राप्त कुलप्रतिशत अंकों के आधार पर, तथा
ख. विधि स्नातक प्रथम वर्ष में संबद्ध विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षाका प्रावधान हो तो विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारितमापदण्डों के अनुसार होगी।
10.2 अनारक्षित एवं आरक्षित श्रेणी के लिये अलग-अलग गुणानुक्रम सूची तैयार कीजावेगी।
11. प्रवेश हेतु प्राथमिकता
11.1 प्रथम वर्ष स्नातक/स्नातकोत्तर/विधि कक्षाओं में प्राथमिकता का आधारअर्हकारी परीक्षा में उत्तीर्ण नियमित/भूतपूर्वनियमित परीक्षार्थी/स्वाध्यायी उत्तीर्ण छात्रों के क्रमानुसार रहेगा।
11.2 स्नातक/स्नातकोत्तर अगली कक्षाओं में प्राथमिकता का आधार, अर्हकारी परीक्षामंे उत्तीर्ण नियमित, भूतपूर्व
नियमित परीक्षार्थी/एक विषय में पूरक प्राप्त पूर्व सत्र के नियमितछात्र/सवाध्यायी छात्रों के क्रमानुसार रहेगा।
11.3 विधि संकाय की अगली कक्षाओं में पूरक प्राप्त छात्रों के पहले उत्तीर्ण,परंतु48 एग्रीगेट प्राप्त करने वाले छात्रों को प्राथमिकता के आधार पर प्रवेश दियाजावे, अन्य क्रम यथावत रहेगा।
11.4 आवेदक द्वारा अर्हकारी परीक्षा उत्तीर्ण करने के स्थान अथवा उसके निवासस्थान/तहसील/जिला में स्थित या आसपास के अन्यजिले के समीपस्थ स्थानों पर स्थित महाविद्यालयों में आवेदित विषय/विषय समूह के अध्यापन की सुविधा होने पर ऐसे आवेदकों के आवेदनों पर विचार न करते हुएउस विषय/विषय समूह में
प्रवेश हेतु प्राचार्य द्वारा अपने नगर/तहसील/जिलों की सीमा से लगे अन्यजिलों के समीपस्थ स्थानो के
आवेदकों को प्राथमिकता देते हुए प्रवेश दिया जावे। आवेदक के निवासस्थान/तहसील/जिला में स्थित या
आसपास के अन्य जिलों के समीपस्थ स्थित महाविद्यालय में आवेदित विषय/विषयसमूह के अध्ययन की
सुविधा नहीं होने पर उन्हें गुणानुक्रम में प्रवेश दिया जावेगा।
11.5 परंतु उपरोक्त प्रावधान स्वशासी महाविद्यालयों के लिए लागू नहीं होगा,किसीएक विषय की स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीर्णविद्यार्थी को अन्य विषय की स्नातकोत्तर कक्षा में प्रवेश महाविद्यालय में स्थानरिक्त रहने की स्थिति में ही दिया जा सकेगा।
12. आरक्षण - छत्तीसगढ़ शासन की आरक्षण नीति के अनुरूपनिम्नानुसार होगा -
12.1 अनुसूचित जाति (अ.जा.) एवं अनुसूचित जनजाति(अ.ज.जा.) के आवेदकों केक्रमशः 15ः तथा 18ः स्थान आरक्षित होंगे। इन दोनों वर्गों के स्थानआपस में परिवर्तनीय होंगे। प्रवेश की अंतिम तिथि पर 5 बजे के बाद अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के रिक्त सीटों को सामान्य एवं अन्यपिछड़ा वर्ग से भरी जावेगी। इस हेतु प्राचार्य एकपाँच सदस्यीय समिति गठित करेंगे जिसमें एक जनभागीदारी के सदस्य रहेंगे। समितिअ.जा. एवं अ.ज.जा. के रिक्त सीटों को सामान्यएवं अ.पि.व. से गुणानुक्रम में भरकर सूची को सूचना पटल पर चस्पा करेंगें।
12.2 पिछड़े वर्ग (चिकनी परत को छोड़कर) के आवेदकों के लिये 14ः स्थान आरक्षितहोंगे।
12.3 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के पुत्र-पुत्रियों तथा विकलांग श्रेणी केआवेदकों के लिये संयुक्त रूप से 3ः स्थान आरक्षित रहेंगे।विकालांग आवेदकों को प्राप्तांकों को 10ः अंकों का अधिभार देकर दोनों वर्गों कासम्मिलित गुणानुक्रम निर्धारित किया जावेगा।
12.4 सभी वर्गों में उपलब्ध स्थानों में से 30ः स्थान महिलाछात्राओं के लिये आरक्षित होंगे। 12.5 आरक्षित श्रेणी काकोई उम्मीदवार अधिक अंक पाने के कारण अनारक्षित श्रेणी ओपन काम्पीटीशन में नियमानुसार मेरिट सूची में रखा जाता है, तो आरक्षित श्रेणीकी सीटें यथावत अप्रभावित रहेगी, परंतु यदि ऐसा विद्यार्थी किसीसंवर्ग जैसे - स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आदि का भी है तो संवर्ग की यह सीट उसआरक्षित श्रेणी में भरी मानी जावेगी, शेष संवर्ग कीसीटें भरी जायेगी।
12.6 आरक्षित स्थान का प्रतिशत 1/2 से कम आता है तो आरक्षित स्थान उपलब्ध नहींहोगा, 1/2 प्रतिशत एवं एक प्रतिशत के बीचआने पर आरक्षित स्थान की संख्या एक होगी।
12.7 समय-समय पर शासन द्वारा जारी आरक्षण नियमों का पालन किया जाये।
13. अधिभार - अधिभार मात्र गुणानुक्रम निर्धारण के लियेही प्रदान किया जायेगा, पात्रता प्राप्ति हेतु इसका उपयोग नहीं किया जायेगा। अर्हकारीपरीक्षा के प्राप्तांकों के प्रतिशत पर ही अधिभार देय होगा, अधिभार हेतु समस्तप्रमाण-पत्र प्रवेश आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना अनिवार्यहै। आवेदन पत्र जमा करने के पश्चात् बाद में लाये जाने/जमा किये जाने वाले प्रमाण-पत्रों पर अधिभार हेतु विचार नहीं किया जायेगा, एक से अधिक अधिभारप्राप्त होने पर मात्र सर्वाधिक अधिभार हीदेय होगा।
13.1 एन.सी.सी./एन.एस.एस./स्काउट्स स्काउट्स शब्द कोस्काउट्स/गाइड्स/रेन्जर्स/रोवर्स के अर्थ में पढ़ा जावे।
क. एन.एस.एस./एन.सी.सी. ’’ए’’ सर्टिफिकेट 02 प्रतिशत
ख. एन.एस.एस./एन.सी.सी. ’’बी’’ सर्टिफिकेट याद्वितीय सोपान उत्तीर्ण 03 प्रतिशत
स्काउट्स
ग. ’’सी’’ सर्टिफिकेट या तृतीय सोपान उत्तीर्ण स्काउट्स 04 प्रतिशत
घ. राज्य स्तरीय संचालनालयीन एन.सी.सी. प्रतियोगिता में ग्रुप का 04 प्रतिशत
प्रतिनिधित्व करने वाले छात्रों को
च. नई दिल्ली के गणतंत्र दिवस परेड में छत्तीसगढ़ के एन.सी.सी./
एन.एस.एस. कन्टिजेन्स में भाग लेने वाले विद्यार्थी को 05 प्रतिशत
छ. राज्यपाल स्काउट्स 05 प्रतिशत
ज. राष्ट्रपति स्काउट्स 10 प्रतिशत
झ. छत्तीसगढ़ का सर्वश्रेष्ठ एन.सी.सी. केडेट 10 प्रतिशत
य. ड्यूक आॅफ एडिनवर्ग अवार्ड प्राप्त एन.सी.सी. कैडेट 10 प्रतिशत
र. भारत एवं अन्य राष्ट्रों के मध्य यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम एन.सी.सी./
एन.एस.एस. के लिए चयनित एवं प्रवास करने वाले कैडेट को अंतर्राष्ट्रीय के लिये चयनित करने वाले विद्यार्थियों को 15 प्रतिशत
13.2 आनर्स विषय पाठ्यक्रम में उत्तीर्ण विद्यार्थी को स्नातकोत्तर कक्षा में उसी विषय में प्रवेश लेने पर 10 प्रतिशत
13.3 स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थियों को एल.एल.बी. प्रथम वर्षमें प्रवेश लेने पर 05 प्रतिशत
13.4 खेलकूद/साहित्य/सांस्कृतिक/क्विज/रूपांकन प्रतियोगिताएं -
1. लोक शिक्षण संचालनालय अथवा छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित अंतर जिला, संभाग स्तर अथवा केन्द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा आयोजित अंतर संभाग/क्षेत्र स्तर प्रतियोगिता में
क. प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त टीम के प्रत्येक सदस्य को 02 प्रतिशत
ख. व्यक्तिगत प्रतियोगिता में उपर्युक्त स्थान प्राप्त करने वाले को 04 प्रतिशत
2. उपयुक्त कंडिका 13.4(1) में उल्लेखित विभाग/संचालनालय द्वारा आयोजित अंर्तसंभाग स्तर अथवा केन्द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा आयोजित अंर्तक्षेत्रीय राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अथवा भारतीयविश्वविद्यालय संघ ए.आई.यू. द्वारा आयोजित प्रतियोगितामें अथवा संसदीय कार्य मंत्रालय भारतसरकार द्वारा आयोजित क्षेत्रीय प्रतियोगिता में-
क. प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त टीम के प्रत्येक सदस्य को 06 प्रतिशत
ख. व्यक्तिगत प्रतियोगिता में उपर्युक्त स्थान प्राप्त करने वाले को 07 प्रतिशत
ग. संभाग/क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतियोगी को 05 प्रतिशत
3. भारतीय विश्वविद्यालय संघ द्वारा आयोजित संसदीय कार्य मंत्रालय,
भारत सरकार आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में -
क. व्यक्तिगत प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थानप्राप्त करने वाले को 15 प्रतिशत
ख. प्रथम, द्वितीय अथवा तृतीय स्थान अर्जित करने वाली टीम के सदस्यों को 12 प्रतिशत
ग. क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतियोगी को 10 प्रतिशत
13.5 भारत एवं अन्य राष्ट्रों के मध्य यूथ अथवा साईन्स एवं कल्चरल एक्सचेंज
प्रोग्राम के तहत् विज्ञान/ सांस्कृतिक/ साहित्यिक/कला क्षेत्र में चयनितएवं
प्रवास करने वाले दल के सदस्यों को 10 प्रतिशत
13.6 छत्तीसगढ़ शासन/म.प्र. से मान्यता प्राप्त खेल संघो द्वारा आयोजितराष्ट्रीय प्रतियोगिता में -
क. छत्तीसगढ़/म.प्र. का प्रतिनिधित्व करने वाली टीम के सदस्य को 10 प्रतिशत
ख. प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली छत्तीसगढ़ की टीम के 12 प्रतिशत सदस्यों को
13.7 जम्मू काश्मीर के विस्थापितों तथा उनके आश्रितों को 01 प्रतिशत
13.8 विशेष प्रोत्साहन -
छत्तीसगढ़ राज्य एवं महाविद्यालय के हित में एन.सी.सी./खेलकूद कोप्रोत्साहन देने के लिए एन.सी.सी. के राष्ट्रीय स्तर केसर्वश्रेष्ठ कैडेट्स तथा ओलम्पियाड/एशियाड/स्पोटर््स अथारिटी आॅफ इंडिया द्वाराराष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पर आयोजित खेलप्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को बगैर गुणानुक्रम के आगामी शिक्षा सत्र में
उन कक्षाओं में सीधे प्रवेश दिया जाए जिनकी उन्हें पात्रता है। कि -
1. इस प्रकार के प्रमाण-पत्रों को संचालक, खेल एवं युवककल्याण, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अभिप्रमाणित किया गया हो,एवं
2. यह सुविधा केवल उन्हीं अभ्यर्थियों को मिलेगी जिन्होंने निर्धारितसमयावधि के अंतर्गत अपना अभ्यावेदन
महाविद्यालय में प्रस्तुत किया है, परंतु इस प्रकार कीसुविधा दूसरी बार प्राप्त करने के लिए उन्हें उपलब्धि
पुनः प्राप्त करना आवश्यक होगा।
13.9 प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु स्कूल स्तर के पिछले चार क्रमिक सत्र तक केप्रमाण-पत्र स्नाकोत्तर प्रथम या विधि प्रथम वर्ष मेंप्रवेश हेतु विगत तीन क्रमिक सत्र तक के प्रमाण-पत्र अधिभार हेतु मान्य कियेजायेंगे। स्नातक द्वितीय, तृतीय एवंस्नातकोत्तर द्वितीय में प्रवेश हेतु पूर्व सत्र के प्रमाण-पत्र अधिभार हेतु मान्यहोंगे।
14. संकाय/विषय/ग्रुप परिवर्तन -
स्नातक/स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में अर्हकारी परीक्षा के संकाय/विषय/ग्रुपपरिवर्तन कर प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों कोउनके प्राप्तांकों से 5ः घटाकर उनका गुणानुक्रम निर्धारित किया जायेगा, अधिभार घटे हुयेप्राप्तांकों पर देय होगा। महाविद्यालय मेंस्नातक/स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में एक बार प्रवेश लेने के बाद वर्तमान सत्र केदौरान संकाय/विषय/गु्रप परिवर्तन की अनुमतिमहाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा 30 सितम्बर तक या विलम्ब से मुख्य परीक्षा परिणाम आने पर कंडिका 2.2 में उल्लेखित प्रवेश की अंतिम तिथि से 15 दिनों तक ही दीजायेगी। यह अनुमति उन्हीं विद्यार्थियों कोदेय होगी जिनके प्राप्तांक संबंधित विषय/संकाय की मूल गुणानुक्रम सूची में अंतिमप्रवेश पाने वाले विद्यार्थी के समकक्ष या उससे अधिक हों।
15. शोध छात्र -
शासकीय महाविद्यालयों में पी.एच-डी. के शोध छात्रों को दो वर्ष के लियेप्रवेश दिया जायेगा। पुस्तकालय/प्रायोगिक कार्य अपूर्ण रह जानेकी स्थिति में सुपरवाइजर की अनुशंसा पर प्राचार्य इस समयावधि को अधिकतम 4 वर्ष कर सकेंगे। छात्र निर्धारित आवेदन पत्र में आवेदन करेंगे, प्रवेश के बादनिर्धारित शुल्क जमा करने के बाद ही नियमितप्रवेश मान्य किया जावेगा। शोध छात्र के लिये संबंधित विश्वविद्यालय द्वारापी.एच-डी. निर्देशन हेतु महाविद्यालय मेंपदस्थ मान्य प्राध्यापक सुपरवाइजर विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित नियमों केअंतर्गत ही अपना शोध कार्य संपादन करेंगे। अध्ययन अवकाश लेकरकोई शिक्षक यदि शोध छात्र के रूप में कार्यरत है, तो सक्षम अधिकारी द्वारा प्रेषित उपस्थिति प्रमाण-पत्र एवं प्रति तीन माह की कार्य प्रगतिरिपोर्ट प्राप्त होने पर ही वेतन आहरण अधिकारी द्वारा शोध शिक्षकका वेतन आहरित किया जावेगा। महाविद्यालय मेंपदस्थ प्राध्यापक सुपरवाइजर के अन्यत्र स्थानंातरण हो जाने की स्थिति में शोधछात्र ऐसी संस्था में अपना शोध का प्रबंध सीमहाविद्यालयों के प्राचार्य अग्रेषित करेंगे।
16. विशेष -
16.1 जाली प्रमाण-पत्रों, गलत जानकारी, जानबूझकर छिपाये गयेप्रतिकूल तथ्यों, प्रशासकीय अथवा कार्यालयीन
असावधानीवश यदि किसी आवेदक को प्रवेश मिल गया है, तब ऐसे प्रवेश कोनिरस्त करने का पूर्ण दायित्व
प्राचार्य को होगा।
16.2 प्रवेश लेकर किसी समुचित कारण, पूर्व अनुमति या सूचना के बिना लगातार एकमाह या अधिक समय तक अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थी को प्रवेशनिरस्त करने को अधिकार प्राचार्य को होगा।
16.3 प्रवेश के बाद सत्र के दौरान कंडिका 9.4 एवं 9.5 में वर्णितअनुशासनहीनता के प्रकरणों में लिप्त विद्यार्थी का प्रवेश निरस्त करनेअथवा उसे निष्कासित करने का अधिकार प्राचार्य को होगा।
16.4 प्रवेश के बाद सत्र के दौरान विद्यार्थी द्वारा महाविद्यालय छोड़ देनेअथवा उसका प्रवेश निरस्त होने अथवा उसका निष्कासन कियेजाने की स्थिति में विद्यार्थी को संरक्षित निधि के अतिरिक्त अन्य कोई शुल्क वापसनहीं किया जायेगा।
16.5 प्रवेश के मार्गदर्शक सिद्धांतों के स्पष्टीकरण या प्रवेश संबंधी किसीप्रकरण को केवल अग्रेषित लिखकर प्रेषित न किया जाये।
16.6 इन मार्गदर्शक सिद्धांतों में उल्लेखित प्रावधानों की व्याख्या करने काअधिकार आयुक्त उच्च शिक्षा को है। इन मार्गदर्शकसिद्धांतों में समय-समय पर परिवर्तन/संशोधन/निरसन/संलग्न का संपूर्ण अधिकारछत्तीसगढ़
शासन, उच्च शिक्षा विभाग, मंत्रालय को होगा।
अपर संचालक
उच्च शिक्षा संचालनालय, रायपुर(छ.ग.)